Thursday 3 December 2015

Maa aur Mausi

हाय दोस्तो, मेरा नाम रीमी हैं। मै एक पंजाबी कुडी हूं। मै अपनी पहली सच्ची घटना लेकर आपके सामने हाजीर हूं। मेरे घर पर मेरी मां (सौतेली) और मेरे पापा रहते हैं मेरी मां का देहांत हो चुका था जब मैं पांचवी क्क्षा में पढती थी मेरे पापा ने दूसरी शादी की थी और मेरी दूसरी मां की कोई भी संतान नही हुई। मैं उनको ही मां कहकर बुलाती थी। मां एक हाउस वाइफ हैं और पापा की कपडो की दुकान हैं। मेरे पापा अक्सर दिल्ली आया जाया करते थे। दोस्तो ये तो रहा मेरा परिचय -- अब मैं अपने असली मुददे पर आती हूं।


एक दिन पापा को किसी रिस्तेदीर के यहां शादी मे जालन्धर जाना पडा। इसी बीच मेरी मां ने (मेरी दूसरी मां के चाचा की लडकी ) मौसी को बुला लिया। ये बात तब की हैं जब मैं दसवीं क्क्षा की छात्रा थीं और मेरे एग्जाम्स चल रहे थे। एक दिन जब मैं पेपर देकर घर लौटी तो मैने दरवाजा खुला पाया, खैर ये कोई नई बात नही थी क्योकी मां अक्सर दीन में सो जाया करती थी ताकी मैं जब स्कुल से आऊं तो उनको डीस्टर्ब ना हो। उस दिन भी दरवाजा खुला ही था। मै रोज की तरह दरवाजा बन्द कीया और बाथरुम की तरफ फ्रेश होने के लिए जाने लगी। मैने सोचा की मां और मौसी दोनो सो गयी होंगी मै खाना खाकर थोड़ा आराम करुगी। जब मैं बाथरुम को जाने लगी जो मां के कमरे के बगल में ही था तो मैने मां के कमरे से कुछ आवाज सुनी। मैने सोचा की मां और मौसी तो दोनो सो रही होंगी तो ये आवाज कैसी? ये देखने के लिए मैने रोसनदान से देखा तो दोस्तो मैं देखकर हक्का बक्का रह गयी।

मैने देखा की मेरी मां बिल्कुल नंगी हैं और मौसी उनकी चूत चाट रही हैं। पहले मुझे तो कुछ अजीब लगा मैने सोचा की पापा को आने दो सारी बात बताउगी। मैं यही सोच कर फिर निचे हो गयी। और दीवार से ही कान लगाकर सुनने की कोशिश करने लगी मैने महसुस कीया की मां की आवाज तेज होती जा रही थी और वो कह रही थी और जोर से कर....और जोर से कर.... मुझसे रहा नही गया मैने फिर से देखा तो मौसी मां की चुत में दो ऊगलीं डालकर जोर जोर से चोद रही थी और मां अपनी दोनो टांगो को फैलाकर अपनी चूचीयों को दबा रही थी और आह..उह..आह..उह..आह..उह.. की आवाजे निकाल रही थी... फिर वो दोनो उलटा लेट गयी फिर मौसी मां की चुत और मां मौसी की चुत चाटने लगीं। और दोनो एक दूसरे की चूत में उगली भी कर रही थीं। मुझे भी मजा आने लगा दोनो के मुंह से ऐसी आवाजे सुनकर। फिर मेरी मां ने तकीये के निचे से मुली निकालकर मौसी की चूत पर रखकर अचानक जोर का घक्का देकर सारी की सारी मुली मौसी की चुत में घुसेड डाली मौसी एकदम से जोर से चिल्लाई तो मां ने उनकी कमर पकड़ ली और फिर जोर जोर से सारी मुली उनकी चूत में तेजी से आगे पिछे करने लगी। मौसी मुली के हर धक्के पर चिल्ला देती और अपना सिर उपर उठा देती थी। ये ही काम होता रहा और मां और मौसी दोनो ने चिल्लाकर जोर से आवाज करते हुए अपने-अपने चुत का सारा पानी निकाल दीया मां ने मौसी की चूत को चाटकर साफ किया और मौसी ने मां की चूत का सारा पानी पी लीया और दोनो फिर से एक दुसरे को किस करने लगी। फिर मां एकदम से अलग होकर बोली हरप्रीत (मौसी का नाम) चल अब जल्दी से कपड़े पहन ले नही तो रीमी आ जायेगी फिर दोनो मौसी जल्दी से ऊठी तो अचानक उन्होने अपना सिर उठाया मैं तुरन्त वहां से हट गई। और दिवार के सहारे कान लगा दिया मुझे लगा कि शायद मौसी ने मुझे देख लिया हैं। फिर मैने सुनने की कोशीश की तो कुछ सुनाई नही दीया पर इतना पता लगा की मां और मौसी दोनो में कुछ फुसर फुसर हो रही थी वो दोनो आपस में कुछ बात कर रहीं थी। फिर मै बाथरुम में चली गयी और मां बाहर आयी और बोली रीमी तू कब आयी मैने बोला बस अभी आयी थोड़ी सी देर हो गयी आज तो मां ने कहा चल ठीक है मै भी तेरा ही इन्तजार कर रही थी चल अब जल्दी से फ्रेश हो जा मै खाना लगा रही हूं आज सब साथ में ही खाना खायेंगे।

हम सब ने खाना खाया और फिर शाम हुई और फिर रात सब कुछ नार्मल ही रहा फिर मां बोली रीमी तुम सो जाओ मैं और हरप्रीत एक ही कमरे में सो जायेंगे। मैने मन मे ही कहा की हा चुदाई जो करनी हैं। फिर दोनो एक कमरे में चली गयी मेंरे आखों से निंद कोसो दूर थी मैं फिर से मां और मौसी की चुदाई देखना चाहती थी सो मैने थोड़ा इन्तजार करने के बाद फिर से उनके कमरे की तरफ जाने लगी और मैने कमरे मे कुछ आवाजे सुनी मैं फिर से देखने की कोशीश करने लगी। मैंने जैसे ही रोशनदान से कमरे मैं झाका तो मैने देखा की कमरे मे सिर्फ मां ही हैं और वो अकेले ही आवाजे निकाल रही हैं और सारे कपड़े भी पहने हुए है और चेयर पर बैठी हैं। मुझे कुछ समझ नही आया की माजरा क्या हैं और मां आवाजे निकाले जा रही थी मुझे कुछ समझ में नही आ रहा था मौसी भी कमरे में नही थी। मै ये सब देख कर काफी परेशान थी और सोच रही थी की मां को क्या हो गया हैं ये ऐसे क्यो कर रही हैं इससे आगे मै कुछ और समझ पाती की तभी तुरन्त मेरे पिछे से मौसी की आवाज आयी रीमी........... मै डर गयी और तुरन्त मां भी कमरे से बाहर आ गयीं ... और मौसी ने मां से कहा देखा दीदी मैने कहा था ना की रीमी ने सबकुछ देख लिया है और फिर देखने की कोशीश कर रही हैं। मै रोने लगी तभी मां ने मुझे धमकाते हुए कहा रीमी देख तुने जो भी देखा है कीसी को बताना मत नही तो अन्जाम बहुत बुरा होगा। मै डर रही थी मैने कहा ठीक है मां मै किसी को नही बताऊगीं। जा अब जाकर अपने कमरे मे सो जा। मै चली गयी। और मै समझ गयी की ये मौसी की चाल थी मुझे पकड़ने के लिए।

मै अपने कमरे मे सोने के लिए आ गयी मां और मौसी कुछ देर बाद मेरे कमरे में आईं और मुझे समझाने लगी।
मां - देख रीमी मुझे सब पता है की तुने सब कुछ देख लिया हैं तु कीसी के कुछ मत कहना
मौसी - देख रीमी सायद तुने कभी ये खेल नही खेला इसलिए तुने जो कुछ भी देखा तुझे अजीब लग रहा होगा। इस खेल में बहुत मजा आता है चाहे तो तु भी खेल सकती है हमारे साथ।

फिर दोनो मुस्कुराने लगीं मैने कहा मौसी मैं आप दोनो से बहुत छोटी हूं मुझसे ऐसी बात मत करो मैं नही खेलना चाहती ये खेल, तभी मां ने कहा देख रीमी शादी के बाद सब खेलते है तूझे भी खेलना पड़ेगा। इतने मे मौसी ने मेरे गाल पर हाथ फेरा और प्यार से बोली रीमी क्या तू अपनी मौसी की बात नही मानेगी तू मेरी अच्छी बच्ची है ना। मौसी को ना नही कहते चल आजा थोड़े देर की तो बात है यकीन मान तुझे बहुत मजा आयेगा देख अब ना न कहना मेरी बच्ची। मेरी मां ने फिर मुझे धमकाया तो मै डर कर हां कर दी। फिर क्या था दोनो के चेहरे पर मुस्कान दौड़ गया दोनो खुश हो गयीं। फिर तुरन्त मौसी मुझे किस करने लगी और मां मेरी चुचीयों को दबाने लगी कुछ देर बाद मैं भी उनका साथ देने लगी। मौका पाकर मौसी ने मेरी स्कर्ट उपर कर दी और मेरी चुत को टटोलने लगी। और बोली रीमी तेरी चूत तो बहुत प्यारी हैं। मेरे लिए ऐसी बात सुनकर मुझे मजा आने लगा। फिर मां ने मेरा टीशर्ट और मौसी ने मेरा स्कर्ट उतारकर मुझे नंगा कर दीया मै शरमा गयी। तो मां ने कहा अब सरमा मत और चुदाई का मजा ले। फिर दोनो भी नंगी हो गयी और एक दुसरे को किस करने लगी। मौसी बोली रीमी तू पहले देख की क्या करते है हम दोनो फिर हम तेरे साथ भी करेगे। फिर मौसी ने मां की चूत चाटना शुरु कर दीया और मां मौसी की चुत में ऊगली कर रही थी दोनो मजे ले रहीं थी और मैं ये सब देख रही थी। ऐसा देखकर मेरी चूत का भी बुरा हाल हो रहा था मेरी चूत भी पानी छोड़ रही थी मेरा हाल बुरा देखकर मां बोली हरप्रीत रीमी की चुत देख बिलकुल लाल हो गयी है लगता है पानी छोड़ रही है। फिर दोनो मेरी चुत की तरफ देखने लगी और दोनो एक दुसरे की चुत में जोर जोर से ऊगली करने लगी। वो दोनो मेरी चुत को ऐसे देख रही थी मानो की कोई कई दीनो का भूखा कुत्ता किसी मांस के टुकड़े को देख रहा हों। फिर दोनो ने एक साथ पानी छोड़ा और एक दूसरे की चुत को चाट कर साफ किया।

अब मेरी बारी थी। दोनो मेरे ऊपर टूट पड़ी। मेरी मां बोली देख तो इसके चुत तो साली एकदम लाल हैं और इसपर एक भा बाल नहीं हैं। मौसी बोली लगता है इसने आज ही साफ भी किया हैं चुदने के लिये बिलकुल तैयार है। दीदी आज इसकी चूत का मै तो भोसड़ा बना दूगीं। मेरे लिए उन दोनो के मुहं से ऐसी बाते सुनकर मैं डर गयी। तभी मौसी ने मेरी चुत को पकड़कर जोर से खीचा मेरे मुंह से एक दर्द भरी चीख नीकल गयी। इस पर मां ने मेरे चूचीयों को जोर से दबाकर मुझे किस करने लगीं। मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं रोने लगी मैने बोला मौसी मुझे दर्द हो रहा है मत करो ऐसे करोगी तो मै मर जाऊगीं। इतना सुनकर मां ने कहा तुझे कुछ नही होगा तेरी मां है न यहां पर। मौसी मेरी चुत को जोर जोर से चाटने लगी और बोली रीमी तेरी चुत का रस तो बहुत ही लाजवाब है मन तो करता है की पुरा का पुरा चबा जाऊं। और जोर से मेरी कुआंरी चुत में अपनी उगलीं डाल दीया। इधर मां मेरी चुचीयो का बुरा हाल कर रही थी और मौसी मेरा चुत को फाड़ने मे लगी हुई थी। मै रोने लगी इस पर मां ने कहा हरप्रीत इस साली के दोनो हाथो को बांध दे नही तो साली हाथ चलायेगी तो चुत का भोसड़ा कैसे बनेगा। मौसी ने मेरे ही दुपट्टे से मेरा हाथ बांध दीया और किचन की ओर चली गयी। मां मेरा चुत चाटने लगी मैने देखा जब मौसी किचन से वापिस आयी तो उनके हाथ में एक बहुत ही मोटा खीरा था। दीदी अब हम ये खीरा इस रांड की चुत में डालेंगे ताकी इसे भी पता चले की असली चुदाई क्या होती है साली बहुत छुप-छुप के देख रही थी। मां ने कहा हा सारा का सारा खीरा इस रंडी की चुत में धुसेड़ दे साली की चुत आज फाड़ दे। मै बोलने लगी मौसी रहम करो मै अभी बच्ची हूं मेरी फट जायेगी मै मर जाउगी। पर मेरी बातो का दोनो पर कोई असर नही हुआ। दोनो मेरा रोना देख कर हसं रही थी। मौसी ने खीरे पर डेर सारा सरसो का तेल लगा दिया और मेरी चुत पर रखकर आगे पीछे करने लगी। मै डर के मारे सांस रोके पड़ी थी तभी मौसी ने मां को कुछ इशारा किया और मां अपनी टांग उठाकर मेरी मुंह पर बैठ गयी और बोली ले रन्डी मेरी चाट मेरी चुत को और उन्होने अपनी चुत को मेरी मुहं मे भर दीया जिससे की मेरी आवाज बाहर ना निकल पाये। और तुरन्त मौसी ने मेरी चुत में वो सारा का सारा खीरा घुसा दिया। मै मारे दर्द के बिलबिला उठी। मेरी आखो से आंसु निकलने लगे। और मां अपनी चुत को लगातार मेरे मुहं पर दबाये जा रही थी। फिर मौसी ने खिरा बाहर निकाल लिया। मै बेहोश हो गयी। मेरी चुत से खुन निकल रहा था दोनो ने मुझे बेहोश देखकर फ्रिज से ठंड़ा पानी लाकर मेरे मुहं पर डाला मै होश मे आ गयी फिर मां ने बोला साली बेहोश हो जायेगी तो चुदाई का मजा कौन लेगा। फिर मौसी ने तुरन्त मेरी खुन से भरे चुत में खिरा पेल दिया और जोर जोर से धक्के लगाने लगी। काफी धक्को के बाद उन्होने खिरा मेरे चुत से निकाला और बोला दीदी अब अपना काम करो। फिर मां मेरे मुंह से हटी मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ। फिर दोनो ने मुझे किस कीया दोनो मेरे अगल बगल बैठकर एक दुसरे की चुत में ऊंगली करने लगीं। मां बोली मेरा पानी आने वाला है मैं क्या करुं। मौसी ने कहा डाल दो साली के मुंह में मां तुरन्त मैरे मुंह के ऊपर आयी और मेंरे मुहं में अपना सारा रस डाल दिया। फिर मौसी की बारी थी उसने भी ऐसा ही कीया फिर दोनो खडी हो गयी। मैने कहा अब तो खोल दो मां मेरा पुरा शरीर दर्द कर रहा है मै मर जाऊंगी तभी मौसी ने कहा ऐसे कैसे खोल दे अभी तो तुझे अपनी मां और मौरी का नमकीन पानी भी पिना है। मै कुछ समझ नही पायी की अब क्या होगा। तभी मौसी मेरे मुंह के दोनो तरफ टांगे फैलाकर खड़ी हो गयी और अपनी चुत मैं ऊंगली करने लगी और एक जोर की चीख के साथ मेरे मुंह में ही मुतने लगी। अपना सारा का सारा मुत मेरे मुहं में डाल दीया और साइड हो गयी फिर मां ने भी ऐसा ही किया।

फिर इतना सब होने के बाद उन दोनो ने मेरे हाथ खोले और मुझे बैठाया फिर मुझे बाथरुम में ले गयीं और नहलाया। फिर मौसी मेरे लिए गर्म दुध लायी और मां ने मेरी चुत पर दवा लगाई। फिर से जब मेरा दर्द कम हुआ तो दुसरे दिन से मेरी चुत फिर से खिरा लेने को तैयार थी। दूसरे दिन मेरे पापा वापस आ गये और हम तीनो को देखकर काफी खुश हुए। कुछ दिन रहने के बाद मौसी अपने घर चली गईं। अभी भी मैं और मेरी मां आपस में चुदाई का मजा लेते है। और कभी मजेदार चुदाई करनी होती है तो मौसी को भी बुला लेते है।